Local kalakar

ख्वाब

“कोई ख्वाब हो तुम जिसे मुकम्मल होना हैं
मेरी राह की मंजिल का आखिरी कोना हैं
हर दिन हर रात तुम्हें पास पाता हूं
आज नहीं तो कल तुमसे मिलन होना हैं”

Next Post

Previous Post

Leave a Reply

© 2025 Local kalakar

Theme by K Techno