कुछ लोग याद बहुत आते है
कहने को वो साथ नहीं होते
उनके दिल में भी जज्बात नहीं होते
पर फिर भी वो साथ नजर आते है
कुछ लोग याद बहुत आते है
सवाल बहुत है पर हम पूछ नहीं पाते है
जाने कितनी दफा हम खुद को समझाते है
अपनों के तो अब चेहरे भी समझ नहीं आते है
फिर भी हम शिद्दत से यारी निभाते है
जाने अनजाने जब कभी वो नजर आते है
ज़माने की छोड़ो ज़ालिम हम तो खुद को भूल जाते है
और फिर जब हम ख्वाबों से बाहर आते है
कुछ लोग फिर से याद बहुत आते है