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ख्वाब

“कोई ख्वाब हो तुम जिसे मुकम्मल होना हैं
मेरी राह की मंजिल का आखिरी कोना हैं
हर दिन हर रात तुम्हें पास पाता हूं
आज नहीं तो कल तुमसे मिलन होना हैं”

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