हर चेहरे के पीछे एक चेहरा छुपा है
सच जिसे समझे वो झूठ से घिरा है
सामने आने से डरते है लोग अक्सर
अंदर से तो हर कोई यहां दुश्मन मेरा है
दुश्मन अगर है कोई तो इसमें बुरा क्या है
बता के अगर चोट भी दे तो बुरा क्या है
दगा ना मिले रिश्तों में तो बेहतर है जिंदगी
कोई अपना बना के ठग ले तो बुरा क्या है