बुझा बुझा सा जो लग रहा है
वो कभी आग हुआ करता था
किसी के वश में ना आ पाएं
ऐसा सैलाब हुआ करता था
कुछ वक़्त का सितम समझो
कुछ जमाने की मेहरबानियां
ये यूं बेजुबां जो हैं मुमकिन नहीं
ये कभी आवाज़ हुआ करता था
April 30, 2023
बुझा बुझा सा जो लग रहा है
वो कभी आग हुआ करता था
किसी के वश में ना आ पाएं
ऐसा सैलाब हुआ करता था
कुछ वक़्त का सितम समझो
कुछ जमाने की मेहरबानियां
ये यूं बेजुबां जो हैं मुमकिन नहीं
ये कभी आवाज़ हुआ करता था
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