Local kalakar

आग

बुझा बुझा सा जो लग रहा है

वो कभी आग हुआ करता था

किसी के वश में ना आ पाएं

ऐसा सैलाब हुआ करता था

कुछ वक़्त का सितम समझो

कुछ जमाने की मेहरबानियां

ये यूं बेजुबां जो हैं मुमकिन नहीं

ये कभी आवाज़ हुआ करता था

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