Local kalakar

दास्तां

यहां हर कोई हैं बेताब कहने को अपनी दास्तां
हम अब अपनी कहानी सबको बताएं कैसे
यहां हर कोई डूबा हैं गमों के दरिया में
हम अब अपना गम सबको बताएं कैसे
सोच लेते हैं हम, सबसे कम , गम में हैं
अब जमाने का गम हम मिटाएं कैसे

Next Post

Previous Post

Leave a Reply

© 2024 Local kalakar

Theme by K Techno